दुर्गा पूजा का नाम सुनते ही मन में माँ दुर्गा के दर्शन, पंडाल की चमक-दमक, ढोल की थाप, और कोलकाता की गलियों में बिखरती खाने की खुशबू तैरने लगती है। ये त्योहार सिर्फ पूजा-पाठ का नहीं, बल्कि खाने-पीने, हंसी-खुशी, और अपनों के साथ पंडाल घूमने का भी है। कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान सड़कों पर स्ट्रीट फूड का मेला सा लग जाता है।
वो फुचका की ठेली, काठी रोल की दुकान, और मिठाई के स्टॉल – हर कदम पर कुछ न कुछ स्वादिष्ट मिलता है, जो पंडाल को और मज़ेदार बना देता है। बंगाल में कहते हैं, “पेट पूजा के बिना दुर्गा पूजा अधूरी है!” इस लेख में हम बात करेंगे 5 ऐसे पारंपरिक बंगाली स्ट्रीट फूड्स की, जो दुर्गा पूजा के दौरान ज़रूर ट्राई करने चाहिए। ये व्यंजन न सिर्फ ज़ुबान को मज़ा देंगे, बल्कि घर पर बनाकर भी आप माँ के इस त्योहार को और खास बना सकते हैं।तो तैयार हो जाइए एक स्वादिष्ट और रंगीन सफर के लिए!
दुर्गा पूजा और स्ट्रीट फूड का जादू
दुर्गा पूजा भारत का सबसे जीवंत और दिल को छू लेने वाला त्योहार है, और कोलकाता में इसका रंग कुछ और ही होता है। यहाँ पंडाल घूमना सिर्फ माँ के दर्शन तक सीमित नहीं है; ये एक पूरा अनुभव है जिसमें खाना अहम भूमिका निभाता है। कोलकाता की सड़कों पर स्ट्रीट फूड्स की ऐसी रौनक होती है कि पंडाल होपर्स का दिल और पेट दोनों खुश हो जाते हैं। चाहे वो फुचका का तीखा पानी हो या काठी रोल का मसालेदार स्वाद, हर बाइट में बंगाल की संस्कृति और उत्सव का ज़ायका समाया होता है।
ये स्ट्रीट फूड्स सात्विक भोग से अलग होते हैं, क्योंकि इन्हें तुरंत खाने के लिए बनाया जाता है और इनमें ज़्यादा मसाले और तीखापन होता है। फिर भी, ये दुर्गा पूजा की रौनक का हिस्सा हैं और हर उम्र के लोग इन्हें चाव से खाते हैं। इस लेख में हम 5 ऐसे स्ट्रीट फूड्स की बात करेंगे, जो दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता की गलियों में ज़रूर मिलते हैं। साथ ही, हम बताएंगे कि इन्हें घर पर कैसे बनाया जाए, ताकि आप पंडाल न जा पाएं तो भी इस स्वाद का मज़ा ले सकें।
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1. फुचका (पानी पूरी का बंगाली अवतार)

फुचका कोलकाता का सबसे मशहूर स्ट्रीट फूड है, और दुर्गा पूजा के दौरान हर पंडाल के आसपास फुचका की ठेली देखना आम बात है। ये छोटे, कुरकुरे, तीखे पानी से भरे गोलगप्पे ज़ुबान पर एक धमाका सा करते हैं।
फुचका बंगाल का सबसे मशहूर और लाजवाब स्ट्रीट फूड है, जिसे बाकी भारत में गोलगप्पा या पानीपुरी के नाम से भी जाना जाता है। यह छोटे-छोटे करारे पूरियों में खट्टा-मीठा पानी, मसालेदार आलू और चने का मिश्रण भरकर खाया जाता है। फुचका का असली स्वाद उसके खट्टे इमली-पानी और झटपट मसालेदार आलू में छुपा होता है, जो हर बाइट में मज़ेदार फ्लेवर का धमाका कर देता है।
बंगाल में फुचका का अलग ही अंदाज़ है। यहाँ इसे उबले आलू, काला चना, मिर्च, धनिया और काला नमक के साथ मसालेदार करके भरा जाता है और ऊपर से इमली के पानी के साथ परोसा जाता है। बाकी जगहों की तुलना में बंगाली फुचका ज्यादा खट्टा-तीखा और मसालेदार होता है, जो इसे सबसे अलग और स्पेशल बनाता है।
फुचका सिर्फ एक स्ट्रीट फूड नहीं, बल्कि दोस्तों और परिवार के साथ मस्ती और शेयरिंग का मज़ा भी है। सड़क किनारे ठेले पर खड़े होकर एक-एक करके फुचका खाने का मज़ा किसी रेस्टोरेंट की प्लेट से कहीं ज्यादा होता है। 😋✨🥔🌿
सामग्री (4 लोगों के लिए):
- सूजी: 1 कप
- मैदा: 1/4 कप
- नमक: चुटकी भर
- पानी: गूंधने के लिए
- उबले आलू: 2 (मैश किए हुए)
- उबले चने या मटर: 1/2 कप
- इमली: 100 ग्राम
- गुड़: 2 बड़े चम्मच
- भुना जीरा पाउडर: 1 छोटा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच
- काला नमक: 1/2 छोटा चम्मच
- हरा धनिया (बारीक कटा): 2 बड़े चम्मच
- हरी मिर्च: 2 (बारीक कटी)
- तेल: तलने के लिए
बनाने की विधि:
- पूरी बनाएं: सूजी, मैदा, और नमक को मिलाकर पानी के साथ सख्त आटा गूंधें। 30 मिनट ढककर रखें। छोटे-छोटे गोले बनाकर पतली पूरियाँ बेलें और गर्म तेल में कुरकुरा होने तक तलें।
- भरावन तैयार करें: मैश किए आलू, उबले चने, भुना जीरा पाउडर, और थोड़ा नमक मिलाकर भरावन बनाएं।
- तीखा पानी बनाएं: इमली को पानी में भिगोकर रस निकालें। इसमें गुड़, काला नमक, लाल मिर्च पाउडर, भुना जीरा, हरी मिर्च, और धनिया डालकर मिलाएं। ठंडा करें।
- परोसें: पूरी में छेद करें, भरावन डालें, और तीखे पानी में डुबोकर परोसें।
- सुझाव: फुचका ताज़ा खाएं, ताकि पूरियाँ कुरकुरी रहें।
💡 टिप: बंगाली फुचका का पानी थोड़ा मीठा और तीखा होता है। गुड़ और इमली का बैलेंस सही रखें।
सांस्कृतिक महत्व: फुचका कोलकाता की स्ट्रीट फूड संस्कृति का प्रतीक है। पंडाल घूमते समय फुचका खाना एक रस्म सा बन गया है।
2. काठी रोल

काठी रोल कोलकाता का एक और मशहूर स्ट्रीट फूड है, जो दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल के बाहर हर स्टॉल पर मिलता है। ये पराठे में लपेटा हुआ मसालेदार रोल होता है, जो पेट और दिल दोनों भर देता है।
काठी रोल कोलकाता की शान और भारत का एक बेहद लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है। इसकी शुरुआत कोलकाता से हुई थी, जब नॉनवेज कबाब (खासकर चिकन या मटन) को पराठे में लपेटकर आसानी से खाने के लिए बेचा जाने लगा। आज यह डिश सिर्फ नॉनवेज ही नहीं बल्कि पनीर, आलू और मिक्स वेज के फीलिंग के साथ भी उतनी ही पसंद की जाती है।
काठी रोल की खासियत है इसका भरावन और लेयरिंग। मुलायम पराठे में ताज़ी सब्ज़ियां, प्याज़, हरी मिर्च, चटनी और मसालेदार स्टफिंग डालकर इसे रोल कर दिया जाता है। ऊपर से नींबू निचोड़ने और कभी-कभी अंडे की कोटिंग लगाने से इसका स्वाद और भी ज़बरदस्त हो जाता है।
काठी रोल एक ऐसी डिश है जो चलते-फिरते भी पेट भरने का मज़ा देती है। यह स्ट्रीट फूड का दिल है, जिसमें पराठे की मुलायमता, भरावन का मसालेदार तड़का और चटनी का खट्टा-तीखा स्वाद सबकुछ एक साथ मिलता है। 🌯✨
सामग्री (4 रोल के लिए):
- मैदा: 1.5 कप
- तेल: 2 बड़े चम्मच
- नमक: चुटकी भर
- पानी: गूंधने के लिए
- चिकन (या पनीर): 200 ग्राम (छोटे टुकड़े)
- अदरक-लहसुन पेस्ट: 1 छोटा चम्मच
- हल्दी: 1/4 छोटा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच
- गरम मसाला: 1/2 छोटा चम्मच
- प्याज: 1 (पतले कटे)
- हरी मिर्च: 2 (बारीक कटी)
- कसूरी मेथी: 1 छोटा चम्मच
- नींबू का रस: 1 छोटा चम्मच
- हरा धनिया: 2 बड़े चम्मच
- घी: पराठा तलने के लिए
बनाने की विधि:
- पराठा बनाएं: मैदा, नमक, और तेल मिलाकर पानी से नरम आटा गूंधें। छोटे-छोटे गोले बनाकर पराठे बेलें और घी में तलें।
- भरावन तैयार करें: पैन में तेल गर्म करें। अदरक-लहसुन पेस्ट, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, और गरम मसाला डालें। चिकन या पनीर डालकर पकाएं। प्याज, हरी मिर्च, कसूरी मेथी, और नींबू का रस डालकर मिलाएं।
- रोल बनाएं: पराठे पर भरावन रखें, धनिया डालें, और लपेटकर रोल बनाएं।
- सुझाव: गरम परोसें, साथ में चटनी या सॉस दें।
💡 टिप: काठी रोल का स्वाद पराठे की नरमी और मसालेदार भरावन से आता है। चिकन की जगह पनीर या सोया चंक्स इस्तेमाल कर सकते हैं।
सांस्कृतिक महत्व: काठी रोल कोलकाता की निज़ाम रेस्तरां की देन है और दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल होपर्स का पसंदीदा है।

Paneer Kathi Roll
Ingredients
Method
- आटे, नमक, तेल और पानी से नरम आटा गूंधें।
- 10 मिनट सेट होने दें, फिर मध्यम आकार की रोटियाँ बेलें।
- तवा गरम करके दोनों ओर से हल्का सुनहरा और फूला हुआ पराठा सेक लें। थोड़ा तेल लगाकर हल्का कुरकुरा कर सकते हैं।
- कढ़ाही में तेल गरम करें, अदरक-लहसुन पेस्ट डालें।
- प्याज़ और शिमला मिर्च डालें, 2-3 मिनट भूनें।
- अब सभी सूखे मसाले डालें और अच्छी तरह मिलाएँ।
- पनीर डालें और 4-5 मिनट तक हल्की आंच पर भूनें ताकि मसाले अच्छे से मिल जाएँ।
- नींबू रस और हरा धनिया डालें। गैस बंद करें।
- तैयार पराठे पर हरी चटनी और थोड़ा दही/मेयोनीज़ लगाएँ।
- ऊपर से तैयार पनीर फिलिंग रखें।
- सिरके वाले प्याज़ के स्लाइस और थोड़ा चाट मसाला डालें।
- अब रोल की तरह मोड़ें और टिशू पेपर या फॉयल में लपेट लें।
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Notes
3. घुगनी (चटपटी चना चाट)

घुगनी एक चटपटी चना चाट है, जो दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता की गलियों में खूब मिलती है। ये हल्का, मसालेदार, और सस्ता स्ट्रीट फूड है।
घुगनी पूर्वी भारत, खासकर बिहार, बंगाल और ओडिशा की एक बेहद लोकप्रिय और चटपटी डिश है। इसे सूखे मटर (white/yellow peas) को उबालकर, फिर प्याज़, टमाटर, अदरक-लहसुन और मसालों के साथ पकाकर तैयार किया जाता है। इसका स्वाद खट्टा, मसालेदार और हल्का मीठा होता है, जो इसे बाकी दाल या छोले से अलग बनाता है।
बंगाल में घुगनी को ऊपर से कटा प्याज़, हरी मिर्च, धनिया और नींबू डालकर परोसा जाता है, जिससे इसका स्ट्रीट-स्टाइल स्वाद और निखर जाता है। वहीं बिहार में इसे लिट्टी या पूड़ी के साथ खाना पसंद किया जाता है। ओडिशा में यह नाश्ते का हिस्सा होती है और कभी-कभी इसे आलू और चना दाल के साथ भी मिलाया जाता है।
घुगनी सिर्फ पेट भरने वाली डिश नहीं है, बल्कि स्ट्रीट फूड और घर के खाने दोनों का सही कॉम्बिनेशन है। चाहे सुबह का नाश्ता हो या शाम की भूख, एक गरमागरम कटोरी घुगनी मूड और स्वाद दोनों को ताज़ा कर देती है। 😋✨
सामग्री (4 लोगों के लिए):
- सफेद मटर (या चना): 1 कप (रातभर भिगोया हुआ)
- प्याज: 1 (बारीक कटा)
- टमाटर: 1 (बारीक कटा)
- अदरक: 1 छोटा चम्मच (कद्दूकस)
- हल्दी: 1/4 छोटा चम्मच
- जीरा पाउडर: 1 छोटा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच
- गरम मसाला: 1/2 छोटा चम्मच
- तेल: 2 बड़े चम्मच
- नमक: स्वादानुसार
- हरा धनिया: 2 बड़े चम्मच
- नींबू का रस: 1 छोटा चम्मच
- पानी: 2 कप
बनाने की विधि:
- मटर पकाएं: भिगोए हुए मटर को प्रेशर कुकर में 2 सीटी तक पकाएं।
- मसाले भूनें: पैन में तेल गर्म करें। प्याज और अदरक भूनें। टमाटर, हल्दी, जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, और गरम मसाला डालकर पकाएं।
- घुगनी बनाएं: पके मटर डालें, नमक और पानी मिलाएं। 10 मिनट तक उबालें।
- गार्निश: नींबू का रस और हरा धनिया डालकर परोसें।
- सुझाव: इसे प्याज के छल्ले और चटनी के साथ परोसें।
💡 टिप: घुगनी को चटपटा बनाने के लिए तीखी चटनी या भुना जीरा डालें।
सांस्कृतिक महत्व: घुगनी एक सस्ता और स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड है, जो पंडाल घूमते समय तुरंत ऊर्जा देता है।
4. टेलभाजा (बंगाली पकौड़े)

टेलभाजा, यानी बंगाली स्टाइल के पकौड़े, दुर्गा पूजा के दौरान स्ट्रीट स्टॉल्स पर खूब मिलते हैं। ये कुरकुरे और मसालेदार होते हैं।
टेलभाजा बंगाल का बेहद मशहूर और चटपटा स्नैक है, जिसे आप भारतीय पकौड़े या फ्रिटर्स कह सकते हैं। इसका नाम ही बताता है – “टेल” यानी तेल और “भाजा” यानी तला हुआ। दरअसल यह मौसमी सब्ज़ियों जैसे आलू, बैंगन, कद्दू, प्याज़, फूलगोभी या हरी मिर्च को बेसन (कभी-कभी चावल के आटे) के घोल में लपेटकर गरम तेल में कुरकुरा तला जाता है।
बरसात या सर्दियों के मौसम में टेलभाजा खाने का मज़ा ही कुछ और होता है। गरमा-गरम टेलभाजा को अक्सर चाय के साथ या फिर खिचड़ी के साथ परोसा जाता है। खासकर दुर्गा पूजा के दौरान भोग वाली खिचड़ी के साथ बेगुनी (बैंगन का टेलभाजा) और आलूर चॉप का कॉम्बिनेशन बेहद लोकप्रिय है।
टेलभाजा की खासियत यह है कि यह बाहर से कुरकुरा और अंदर से मुलायम होता है। एकदम सिंपल होते हुए भी इसका देसी स्वाद दिल जीत लेता है। सच कहें तो, बारिश की फुहारों और एक कप चाय के साथ टेलभाजा का आनंद बंगाल की असली रूह को महसूस कराता है। ☔🍵✨
सामग्री (4 लोगों के लिए):
- बैंगन: 1 (पतले कटे)
- आलू: 1 (पतले कटे)
- प्याज: 1 (पतले छल्ले)
- बेसन: 1 कप
- चावल का आटा: 2 बड़े चम्मच
- हल्दी: 1/4 छोटा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच
- नमक: स्वादानुसार
- पानी: बैटर के लिए
- तेल: तलने के लिए
बनाने की विधि:
- बैटर बनाएं: बेसन, चावल का आटा, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, और नमक को पानी के साथ मिलाकर गाढ़ा बैटर बनाएं।
- सब्जियाँ तैयार करें: बैंगन, आलू, और प्याज को पतले काटें।
- पकौड़े तलें: सब्जियों को बैटर में डुबोकर गर्म तेल में कुरकुरा होने तक तलें।
- सुझाव: गरम परोसें, साथ में कसुंदी (बंगाली सरसों की चटनी) दें।
💡 टिप: चावल का आटा टेलभाजा को अतिरिक्त कुरकुरापन देता है।
सांस्कृतिक महत्व: टेलभाजा पंडाल होपिंग के दौरान तुरंत खाने के लिए परफेक्ट है और कोलकाता की स्ट्रीट फूड संस्कृति का हिस्सा है।
5. झालमुड़ी

झालमुड़ी एक हल्का और चटपटा स्ट्रीट फूड है, जो दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता की गलियों में हर कदम पर मिलता है। ये मुरमुरे से बना मसालेदार स्नैक है।
झालमुड़ी बंगाल का बेहद लोकप्रिय और चटपटा स्ट्रीट स्नैक है, जो झटपट बन जाता है और खाने में हल्का लेकिन मज़ेदार होता है। इसमें मुड़ी (मुरमुरा/पफ्ड राइस) को प्याज़, टमाटर, खीरा, हरी मिर्च, उबले आलू, मूंगफली, चनाचूर (नमकीन मिक्सचर) और अलग-अलग मसालों के साथ मिलाया जाता है। ऊपर से सरसों का तेल और नींबू का रस डाला जाता है, जिससे इसका तीखा और खट्टा स्वाद और भी निखर जाता है।
“झाल” का मतलब होता है तीखा, और “मुड़ी” यानी मुरमुरा – यानी झालमुड़ी का सीधा मतलब है तीखा मुरमुरा। यह स्नैक कोलकाता की गलियों से लेकर ट्रेन के सफ़र तक हर जगह आसानी से मिल जाता है। इसे आमतौर पर कागज़ के बने छोटे-से थैले (थोंगा) में परोसा जाता है और हाथ से खाकर ही इसका असली मज़ा आता है।
झालमुड़ी सिर्फ एक नाश्ता नहीं बल्कि बंगाल की नॉस्टैल्जिया है। दोस्तों के साथ गपशप हो या शाम की भूख, एक थोंगा झालमुड़ी हर मूड को और भी मज़ेदार बना देता है। 🌶️🥗✨
सामग्री (4 लोगों के लिए):
- मुरमुरा: 2 कप
- उबले आलू: 1 (छोटे टुकड़े)
- प्याज: 1 (बारीक कटा)
- हरी मिर्च: 2 (बारीक कटी)
- भुना चना: 1/4 कप
- मूंगफली: 1/4 कप
- सरसों का तेल: 1 बड़ा चम्मच
- भुना जीरा पाउडर: 1 छोटा चम्मच
- चाट मसाला: 1/2 छोटा चम्मच
- नींबू का रस: 1 छोटा चम्मच
- हरा धनिया: 2 बड़े चम्मच
- नमक: स्वादानुसार
बनाने की विधि:
- सामग्री तैयार करें: मुरमुरा, भुना चना, और मूंगफली को हल्का सा भून लें।
- मिश्रण बनाएं: एक बड़े कटोरे में मुरमुरा, आलू, प्याज, हरी मिर्च, भुना चना, और मूंगफली डालें। सरसों का तेल, भुना जीरा पाउडर, चाट मसाला, नींबू का रस, और नमक डालकर अच्छे से मिलाएं।
- गार्निश: हरे धनिए से सजाकर तुरंत परोसें।
- सुझाव: झालमुड़ी को ताज़ा खाएं, ताकि मुरमुरा कुरकुरा रहे।
💡 टिप: सरसों का तेल झालमुड़ी को बंगाली ज़ायका देता है। अगर चाहें, तो थोड़ी तीखी चटनी भी डाल सकते हैं।
सांस्कृतिक महत्व: झालमुड़ी कोलकाता की स्ट्रीट फूड संस्कृति का प्रतीक है और पंडाल घूमते समय हल्का स्नैक है।
स्ट्रीट फूड का सांस्कृतिक महत्व
दुर्गा पूजा के दौरान स्ट्रीट फूड सिर्फ खाना नहीं, बल्कि कोलकाता की संस्कृति और उत्सव का हिस्सा है। ये फूड्स लोगों को एकजुट करते हैं, चाहे वो पंडाल के बाहर ठेली पर फुचका खाते हुए दोस्तों की हंसी हो या काठी रोल खाते हुए पंडाल की कतार में गपशप। ये व्यंजन कोलकाता की गलियों की रौनक और त्योहार की खुशी को दोगुना करते हैं।
घर पर स्ट्रीट फूड बनाने के टिप्स
- ताज़गी: स्ट्रीट फूड का मज़ा ताज़ा खाने में है। पूरियाँ, पकौड़े, और झालमुड़ी तुरंत परोसें।
- मसालों का बैलेंस: बंगाली स्ट्रीट फूड में तीखा, खट्टा, और मीठा स्वाद संतुलित होना चाहिए।
- प्रामाणिक सामग्री: सरसों का तेल, पंच फोरन, और कसुंदी जैसे बंगाली मसाले स्वाद को खास बनाते हैं।
- प्यार और मज़ा: स्ट्रीट फूड बनाते समय उत्सव का मूड बनाए रखें, जैसे पंडाल की रौनक।
दुर्गा पूजा पंडाल घूमते हुए ज़रूर खाएं ये 5 Street Foods FAQs
1. दुर्गा पूजा पंडाल के पास कौन-कौन से स्ट्रीट फूड सबसे ज़्यादा मशहूर हैं?
👉 काठी रोल, फुचका (पानीपुरी), घुगनी, एग रोल और मुगलाई पराठा सबसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड माने जाते हैं।
2. काठी रोल इतना फेमस क्यों है?
👉 क्योंकि इसमें पराठे के अंदर मसालेदार चिकन, पनीर या अंडे की फिलिंग रोल करके दी जाती है। चलते-फिरते खाने के लिए यह परफेक्ट स्ट्रीट फूड है।
3. फुचका और पानीपुरी में क्या फर्क है?
👉 बंगाल में इसे फुचका कहते हैं, जो आलू, चना, मसाले और इमली के पानी से भरा जाता है। इसका स्वाद बाकी जगह मिलने वाली पानीपुरी से ज्यादा मसालेदार और खट्टा-तीखा होता है।
4. घुगनी क्या होता है?
👉 घुगनी सूखे पीले मटर से बनी एक चटपटी करी है, जिसे कटे प्याज़, हरी मिर्च और नींबू डालकर परोसा जाता है। यह सस्ता और पेट भरने वाला फूड है।
5. मुगलाई पराठा क्यों खास है?
👉 यह एक स्टफ्ड पराठा है जिसमें अंडा, कीमा या सब्ज़ियों की फिलिंग होती है। बाहर से कुरकुरा और अंदर से मुलायम होने की वजह से यह पूजा पंडाल के आसपास बेहद पसंद किया जाता है।
6. क्या वेजिटेरियन लोगों के लिए भी स्ट्रीट फूड मिलता है?
👉 जी हाँ, पनीर रोल, आलू दम फुचका, वेज मुगलाई पराठा और आलू चॉप जैसी डिशेज़ वेजिटेरियन के लिए शानदार विकल्प हैं।
7. क्या पंडाल घूमते समय ये फूड सेफ़ होते हैं?
👉 ज़्यादातर फूड ताज़ा बनाया जाता है क्योंकि पूजा के दिनों में भीड़ बहुत होती है। फिर भी साफ-सफाई वाले स्टॉल से ही खाना चाहिए।
8. क्या मिठाइयाँ भी स्ट्रीट फूड्स में शामिल हैं?
👉 जी हाँ, रसगुल्ला, संदेश और मिष्ठी दोई जैसे बंगाली स्वीट्स पूजा पंडाल के आसपास ज़रूर मिलते हैं।
9. खाना बनाते समय नमक कब डालना चाहिए?
👉 सब्जी या करी में नमक तब डालें जब सब्जियाँ आधी पक चुकी हों, ताकि नमक ठीक से घुल जाए और स्वाद बैलेंस रहे।
अंतिम निष्कर्ष
दुर्गा पूजा का मज़ा पंडाल घूमने और स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड खाने में है। फुचका, काठी रोल, घुगनी, टेलभाजा, और झालमुड़ी – ये 5 बंगाली स्ट्रीट फूड्स इस त्योहार की रौनक को और बढ़ाते हैं। इन्हें घर पर बनाकर आप कोलकाता की गलियों का ज़ायका अपने रसोईघर में ला सकते हैं। इस दुर्गा पूजा, इन व्यंजनों को ट्राई करें और माँ के आशीर्वाद के साथ अपनों के साथ खुशियाँ बांटें।

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