दिवाली, यानी दीपावली, रोशनी, भक्ति, और मिठास का त्योहार है। इस पवित्र अवसर पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विशेष महत्व है, और भोग के रूप में शुद्ध सात्विक व्यंजन चढ़ाना हमारी परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। कहते हैं, “सात्विक भोजन से मन पवित्र होता है, और भक्ति का रंग गहरा!” सात्विक भोजन वह है, जो बिना लहसुन-प्याज के, शुद्ध और हल्का हो, और जो मन-शरीर को शांति दे।
इस Post में हम 5 ऐसे सात्विक भोग व्यंजनों की बात करेंगे, जो दिवाली पूजा के लिए परफेक्ट हैं और घर पर आसानी से बनाए जा सकते हैं। पंचमेवा खीर, शक्करपारे, सूखे मेवे का हलवा, तुलसी पान के लड्डू, और साबूदाना खीर – ये व्यंजन न सिर्फ भगवान को चढ़ाने के लिए आदर्श हैं, बल्कि परिवार और मेहमानों के साथ बांटने के लिए भी शानदार हैं।तो तैयार हो जाइए एक पवित्र और स्वादिष्ट सफर के लिए, जो तुम्हारी दिवाली पूजा को और पवित्र बनाएगा!
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सात्विक भोग का महत्व
दिवाली में लक्ष्मी-गणेश की पूजा समृद्धि, सुख, और बुद्धि के लिए की जाती है। भोग के रूप में चढ़ाए जाने वाले व्यंजन सात्विक होने चाहिए, यानी शुद्ध, हल्के, और बिना किसी तामसिक सामग्री (जैसे लहसुन, प्याज, या मांस) के। सात्विक भोजन मन को शांत और आत्मा को पवित्र करता है, जो पूजा के दौरान भक्ति भाव को बढ़ाता है। ये व्यंजन न सिर्फ भगवान को प्रसन्न करते हैं, बल्कि परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और खुशी भी लाते हैं। इस लेख में हम 5 सात्विक रेसिपीज़ शेयर करेंगे, जो पारंपरिक स्वाद और शुद्धता का मिश्रण हैं। ये रेसिपीज़ आसान हैं और घर पर बनाकर भोग चढ़ाने और बांटने के लिए एकदम उपयुक्त हैं।
1. पंचमेवा खीर (Panchmewa Kheer)

पंचमेवा खीर एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जिसे दूध, चावल (या सेवईं) और पाँच प्रकार के मेवों — जैसे बादाम, काजू, पिस्ता, अखरोट और किशमिश के साथ पकाकर बनाया जाता है। “पंचमेवा” का अर्थ ही है पाँच तरह के सूखे मेवे, जो इस खीर को पौष्टिक और स्वाद से भरपूर बनाते हैं। पकाने के दौरान इसमें इलायची पाउडर, केसर और चीनी डाली जाती है, जिससे इसका स्वाद और सुगंध दोनों निखर जाते हैं। यह खीर खासतौर पर त्योहारों, व्रतों और शुभ मौकों पर बनाई जाती है और अपने रिच टेक्सचर और मिठास के लिए प्रसिद्ध है।
विवरण: पंचमेवा खीर एक शाही और सात्विक डिश है, जो दूध और विभिन्न ड्राई फ्रूट्स से बनती है। यह पूजा के लिए आदर्श भोग है।
सामग्री (4 लोगों के लिए):
- दूध: 1 लीटर (फुल क्रीम)
- चावल: 1/4 कप (भिगोए हुए)
- चीनी: 1/2 कप
- बादाम: 10 (बारीक कटे)
- काजू: 10 (बारीक कटे)
- पिस्ता: 10 (बारीक कटे)
- किशमिश: 2 बड़े चम्मच
- चिरौंजी: 1 बड़ा चम्मच
- केसर: चुटकी भर
- इलायची पाउडर: 1/4 छोटा चम्मच
- घी: 1 छोटा चम्मच
बनाने की विधि:
- चावल पकाएं: एक भारी तले वाले पैन में घी गर्म करें। भिगोए चावल डालकर हल्का भूनें। दूध डालकर धीमी आंच पर पकाएं, जब तक चावल नरम न हो जाएं।
- मिठास और मेवा डालें: चीनी, बादाम, काजू, पिस्ता, किशमिश, चिरौंजी, केसर, और इलायची पाउडर डालकर 10 मिनट तक पकाएं।
- सजावट: केसर और पिस्ता से सजाकर गरम या ठंडा परोसें।
- सुझाव: भोग के लिए छोटे कटोरे में चढ़ाएं। 2-3 दिन फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं।
- सर्विंग: भोग के बाद प्रसाद के रूप में बांटें।
💡 टिप: दूध को बार-बार हिलाएं ताकि नीचे न जले। केसर को गर्म दूध में भिगोकर डालें।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: पंचमेवा खीर समृद्धि और पौष्टिकता का प्रतीक है। ड्राई फ्रूट्स और दूध इसे सात्विक और लक्ष्मी पूजा के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
2. शक्करपारे (Shakkarpare)

शक्करपारे एक पारंपरिक भारतीय मीठा स्नैक है, जिसे मैदा, घी और चीनी की चाशनी से तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए आटे का सॉफ्ट डो बनाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और फिर घी या तेल में सुनहरा तलकर इन्हें गुनगुनी चाशनी में डुबोया जाता है। ठंडा होने पर शक्करपारे कुरकुरे और मीठे बन जाते हैं। यह स्नैक खासतौर पर दिवाली, होली या त्योहारों के मौके पर बनाया जाता है और लंबे समय तक स्टोर भी किया जा सकता है।
विवरण: शक्करपारे एक कुरकुरा और हल्का मीठा स्नैक है, जो मैदा और चाशनी से बनता है। यह भोग और मेहमानों के लिए आदर्श है।
सामग्री (4 लोगों के लिए):
- मैदा: 1.5 कप
- घी: 3 बड़े चम्मच
- पानी: गूंधने के लिए
- चीनी: 1 कप (चाशनी के लिए)
- पानी: 1/2 कप (चाशनी के लिए)
- इलायची पाउडर: 1/4 छोटा चम्मच
- तेल: तलने के लिए
बनाने की विधि:
- आटा तैयार करें: मैदा में घी डालकर मिलाएं। पानी डालकर सख्त आटा गूंधें। 20 मिनट ढककर रखें।
- शक्करपारे बनाएं: आटे को बेलकर चौकोर या हीरे के आकार में काटें।
- तलें: गर्म तेल में मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक तलें।
- चाशनी डालें: चीनी और पानी से एक तार की चाशनी बनाएं। इलायची पाउडर डालें। तले शक्करपारे को चाशनी में डुबोकर निकालें।
- सुझाव: ठंडा होने पर एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करें। 2-3 हफ्ते तक ताज़ा रहते हैं।
- सर्विंग: भोग चढ़ाएं और प्रसाद के रूप में बांटें।
💡 टिप: चाशनी को हल्का रखें ताकि शक्करपारे कुरकुरे रहें।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: शक्करपारे सादगी और मिठास का प्रतीक हैं। यह पूजा में भोग के लिए शुद्ध और सात्विक है।
3. सूखे मेवे का हलवा (Dry Fruit Halwa)

सूखे मेवे का हलवा एक समृद्ध और पौष्टिक भारतीय मिठाई है, जिसे बादाम, काजू, पिस्ता, अखरोट और किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स को घी में भूनकर और दूध व चीनी के साथ पकाकर बनाया जाता है। इसे बनाने के दौरान हल्की-सी इलायची और केसर डाली जाती है, जो हलवे को शानदार खुशबू और स्वाद देती है। यह हलवा खासतौर पर सर्दियों, व्रतों या त्योहारों में बनाया जाता है, क्योंकि यह ऊर्जा और गर्मी दोनों प्रदान करता है।
विवरण: सूखे मेवे का हलवा एक पौष्टिक और सात्विक मिठाई है, जो ड्राई फ्रूट्स और घी से बनती है।
सामग्री (4 लोगों के लिए):
- बादाम: 1/2 कप (भिगोए और छीले)
- काजू: 1/2 कप (भिगोए)
- पिस्ता: 1/4 कप
- किशमिश: 2 बड़े चम्मच
- चीनी: 1/2 कप
- दूध: 1/2 कप
- घी: 2 बड़े चम्मच
- इलायची पाउडर: 1/4 छोटा चम्मच
- केसर: चुटकी भर
बनाने की विधि:
- मेवा पीसें: बादाम और काजू को दूध के साथ पीसकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं।
- हलवा पकाएं: पैन में घी गर्म करें। मेवा पेस्ट डालकर धीमी आंच पर भूनें। चीनी, पिस्ता, किशमिश, केसर, और इलायची पाउडर डालकर पकाएं।
- सजावट: पिस्ता से सजाकर गरम परोसें।
- सुझाव: भोग के लिए छोटे कटोरे में चढ़ाएं। 3-4 दिन फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं।
- सर्विंग: भोग के बाद प्रसाद के रूप में बांटें।
💡 टिप: मेवा को अच्छे से भिगोएं ताकि पेस्ट चिकना बने।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: सूखे मेवे का हलवा समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक है। यह लक्ष्मी-गणेश पूजा के लिए शाही भोग है।
4. तुलसी पान के लड्डू (Tulsi Paan Laddu)

तुलसी पान के लड्डू एक अनोखी और सुगंधित भारतीय मिठाई है, जिसमें पान के पत्तों का स्वाद और तुलसी की खुशबू का मेल होता है। इसे बनाने के लिए पान के पत्ते, नारियल बूरा, मावा (खोया), गुलकंद और सूखे मेवे को मिलाकर घी में हल्का भूनकर छोटे-छोटे लड्डू बनाए जाते हैं। इन लड्डुओं में तुलसी पत्तों का प्राकृतिक स्वाद मिठास के साथ मिलकर एक ताज़गी भरा और आयुर्वेदिक टच देता है। यह मिठाई खासतौर पर त्योहारों या भोजन के बाद माउथ फ्रेशनर मिठाई के रूप में पसंद की जाती है।
विवरण: तुलसी पान के लड्डू एक अनोखी और सात्विक मिठाई है, जो पान के पत्तों और तुलसी के साथ बनती है।
सामग्री (10-12 लड्डू के लिए):
- नारियल बुरादा: 1 कप
- खोया: 1/2 कप
- चीनी: 1/3 कप
- पान के पत्ते: 4-5 (बारीक कटे)
- तुलसी के पत्ते: 8-10 (बारीक कटे)
- घी: 1 बड़ा चम्मच
- इलायची पाउडर: 1/4 छोटा चम्मच
- सुपारी (बारीक कटी): 1 बड़ा चम्मच
- गुलकंद: 2 बड़े चम्मच
बनाने की विधि:
- मिश्रण तैयार करें: पैन में घी गर्म करें। खोया और नारियल बुरादा भूनें। चीनी, पान के पत्ते, तुलसी, सुपारी, गुलकंद, और इलायची पाउडर डालकर मिलाएं।
- लड्डू बनाएं: मिश्रण को ठंडा होने दें। छोटे-छोटे लड्डू बनाएं।
- सुझाव: एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करें। 5-7 दिन तक ताज़ा रहते हैं।
- सर्विंग: भोग चढ़ाएं और प्रसाद के रूप में बांटें।
💡 टिप: पान और तुलसी को बारीक काटें ताकि स्वाद एकसमान रहे।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: तुलसी को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है, और यह लड्डू भक्ति और शुद्धता का प्रतीक है।
5. साबूदाना खीर (Sabudana Kheer)

साबूदाना खीर एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जिसे साबूदाना (टैपिओका पर्ल्स), दूध और चीनी से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए साबूदाने को कुछ देर भिगोकर दूध में धीमी आँच पर पकाया जाता है, जब तक कि वह मुलायम और गाढ़ा न हो जाए। पकने के बाद इसमें इलायची पाउडर, केसर और सूखे मेवे डाले जाते हैं, जो इसके स्वाद और सुगंध को और बढ़ाते हैं। साबूदाना खीर खासतौर पर व्रत (उपवास) और त्योहारों में बनाई जाती है, क्योंकि यह हल्की, पौष्टिक और एनर्जी देने वाली होती है।
विवरण: साबूदाना खीर एक हल्की और सात्विक मिठाई है, जो व्रत और पूजा के लिए उपयुक्त है।
सामग्री (4 लोगों के लिए):
- साबूदाना: 1/2 कप (भिगोया हुआ)
- दूध: 1 लीटर (फुल क्रीम)
- चीनी: 1/2 कप
- केसर: चुटकी भर
- इलायची पाउडर: 1/4 छोटा चम्मच
- बादाम: 8-10 (बारीक कटे)
- किशमिश: 1 बड़ा चम्मच
- घी: 1 छोटा चम्मच
बनाने की विधि:
- साबूदाना पकाएं: साबूदाना को पानी में धोकर 2 घंटे भिगोएं। पैन में घी गर्म करें और साबूदाना हल्का भूनें।
- खीर बनाएं: दूध डालकर धीमी आंच पर पकाएं, जब तक साबूदाना पारदर्शी न हो जाए। चीनी, केसर, इलायची पाउडर, बादाम, और किशमिश डालकर 10 मिनट पकाएं।
- सजावट: बादाम और केसर से सजाकर गरम या ठंडा परोसें।
- सुझाव: भोग के लिए छोटे कटोरे में चढ़ाएं। 2-3 दिन फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं।
- सर्विंग: भोग के बाद प्रसाद के रूप में बांटें।
💡 टिप: साबूदाना को अच्छे से भिगोएं ताकि खीर चिकनी बने।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: साबूदाना खीर सात्विक और हल्की मिठाई है, जो पूजा और व्रत के लिए आदर्श है।
सात्विक भोग के लिए टिप्स
- शुद्ध सामग्री: ताज़ा दूध, ड्राई फ्रूट्स, और घी का इस्तेमाल करें। लहसुन-प्याज से बचें।
- साफ-सफाई: भोग बनाते समय रसोई और बर्तन साफ रखें।
- भक्ति भाव: पूजा का ध्यान रखते हुए भोग तैयार करें।
- प्रेजेंटेशन: छोटे कटोरे या थाली में भोग सजाकर चढ़ाएं।
- संयम: मिठास को हल्का रखें ताकि सात्विकता बनी रहे।
🪔 दिवाली पूजा के लिए बनाएं शुद्ध सात्विक भोग व्यंजन FAQs
1. सात्विक भोग का क्या मतलब होता है?
👉 सात्विक भोग वे व्यंजन होते हैं जिनमें प्याज, लहसुन, मांसाहार या किसी तरह का तामसिक तत्व नहीं होता। ये भोजन पूरी तरह शुद्ध, हल्के और पूजा के योग्य होते हैं।
2. दिवाली पूजा के लिए कौन-कौन से सात्विक भोग बनाए जा सकते हैं?
👉 कुछ पारंपरिक सात्विक व्यंजन हैं:
पूड़ी और आलू की सब्ज़ी
खीर या सेवईं
पंचामृत
मूंग दाल हलवा
नारियल लड्डू
चावल और दाल का प्रसाद
3. क्या सात्विक भोजन बिना प्याज और लहसुन के स्वादिष्ट बन सकता है?
👉 बिल्कुल! हींग, अदरक, हरी मिर्च, टमाटर, और देसी घी का तड़का देकर बिना प्याज-लहसुन के भी भोजन बहुत स्वादिष्ट बनता है।
4. क्या सात्विक भोग में मिठाई भी शामिल की जा सकती है?
👉 हाँ, जरूर! खीर, लड्डू, रवा हलवा, और गाजर हलवा जैसे व्यंजन देवी-देवताओं को बहुत प्रिय माने जाते हैं।
5. दिवाली पूजा के लिए सात्विक थाली में क्या-क्या रखें?
👉
अनाज: चावल या पूड़ी
सब्ज़ी: आलू टमाटर या लौकी की सब्ज़ी
दाल/कढ़ी: मूंग दाल तड़का या सात्विक कढ़ी
मिठाई: खीर या हलवा
साइड आइटम: अचार, सलाद, और पंचामृत
6. क्या सात्विक भोजन में तेल का उपयोग किया जा सकता है?
👉 हाँ, लेकिन सीमित मात्रा में। आमतौर पर सात्विक भोजन देसी घी या हल्के तेल में बनाया जाता है।
7. सात्विक भोग को देवी लक्ष्मी और गणेशजी को कैसे अर्पित किया जाता है?
👉 सबसे पहले भोजन को चांदी या पीतल की थाली में परोसें, उसके बाद दीप जलाकर मंत्र उच्चारण के साथ भोग लगाएं। फिर परिवार के साथ प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
8. क्या सात्विक भोग पहले से तैयार किया जा सकता है?
👉 मिठाई या खीर जैसी चीजें एक दिन पहले बनाई जा सकती हैं, लेकिन मुख्य भोजन (जैसे दाल-सब्जी) ताज़ा बनाना ही शुभ माना जाता है।
9. ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए क्या करें?
👉 काजू पेस्ट, बेसन या दही डालकर ग्रेवी को नेचुरली गाढ़ा बनाया जा सकता है।
दिवाली की पूजा का असली आनंद सात्विक भोग में है। पंचमेवा खीर, शक्करपारे, सूखे मेवे का हलवा, तुलसी पान के लड्डू, और साबूदाना खीर – ये 5 व्यंजन तुम्हारी पूजा को पवित्र और स्वादिष्ट बनाएंगे। इन्हें बनाएं, लक्ष्मी-गणेश को चढ़ाएं, और अपनों के साथ प्रसाद बांटकर खुशियाँ फैलाएं। शुभ दीपावली!

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